बच्चों के लिए जादुई कहानियां : Bacchon ke liye jaadui kahaniya | किसी शहर में रोफेल गप्पा नाम का एक अमर आदमी रहता था उसकी तीन बेटियां और एक बेटा था | रोफेल गप्पा के महल में आग लग गयी थी जिसमे वह अपनी सारी दौलत गँवा बैठा |
इसके बाद रोफेल गप्पा रोजाना जंगल जाता और खाने पकाने के लिए लकड़ी ढूंड कर लाता | लेकिन वह कभी जंगल नही गया था इस वजह से वह रास्ता भूल जाता था | जब वह पहली बार रास्ता भूला तब एक शेर ने उसकी मदद करने के लिए बोला लेकिन शेर बोला बदले में तुम्हे अपनी बड़ी बेटी से मेरी शादी करानी होगी | रोफेल सोचने लगा अगर वह घर नही पहुंचा तो उसके बीवी बच्चे भूके मर जायेंगे इसलिए उसने हाँ कर दी | शेर ने राफेल को जंगल के बाहर का रास्ता दिखाया और कुछ दिन बाद उसके घर आकर उसकी लडकी को शादी करके ले गया |
जादुई अंडा | बच्चो के लिए जादुई कहानी
इसी तरह एक बार फिर वह रास्ता भूल गया इस बार बाज़ ने रोफेल गप्पा को रास्ता दिखाया और बदले में उसकी दूसरी बेटी से शादी करके उसको अपने घर ले गया | इसी तरह एक दिन जंगल से आते हुए रोफेल गप्पा पानी में गिर गया तब डोल्फिन मछली ने उसको पानी से बाहर निकलने में मदद की लेकिन उसने भी बदले में उसकी तीसरी सबसे छोटी बेटी से शादी का प्रस्ताव दिया | इस तरह रोफेल गप्पा की तीनो बेटियों को शेर , बाज़ , और डोल्फिन मछली शादी करके ले गये |
लेकिन यह सब सोचकर रोफेल गप्पा की पत्नी दुखी रहती थी | वह अपनी बेटियों की शादी राजकुमार से करना चाहती थी | उसके बेटा छोटा था उसको इस बारे में कुछ नही पता था | जब वह बड़ा हुआ तब उसको पता चला उसकी माँ क्योँ इतनी दुखी रहती है |लड़का घोड़े पर सवार होकर अपनी बहनों को ढूंडने चल पड़ा |सबसे पहले उसको बड़ी बहन मिली जिसने उसको बताया उसका पति वह उसके दोनों बहनों के पती शेर बाज़ या मछली नही राजकुमार है|
राजकुमार और जादूगर – जादुई कहानी |
दरअसल वह तीनो राजकुमार भाई थे लेकिन एक जादूगर ने उन्हें अपने जादू से शेर , बाज़ और मछली बना रखा है भाई अगर आप उस जादूगर को मार देंगे तो वह तीनो फिर से राजकुमार बन जायेंगे | वह जादूगर एक गुफा में रहता है जहाँ राजकुमार जायेंगे तो वह जलकर भस्म हो जायेंगे लेकिन आप उस गुफा में जा सकते हो क्यूंकि तीन बहनों का छोटा भाई वहाँ जा सकता है लेकिन आपको सावधानी से वहां जाना होगा |
बड़ी बहन ने अपने पति शेर को भी वहाँ बुला लिया और तीनो बैठ कर जादूगर को मारने की योजना बनाने लगे | शेर बोला तुम जादूगर को गुफा से बाहर ले आना फिर उसको हम देख लेंगे | फिर लड़का जादूगर को मरने गुफा की तरफ चल पड़ा | वह जादूगर की गुफा में गया और बोला तुम तो बड़े बेकार जादूगर हो तुम्हारा जादू तो राजकुमारो पर चला ही नही वह तो आराम से बाहर राजकुमार बन कर घूम रहे हैं | अगर तुम्हे यकीन नही होता तो मेरे साथ चलो |
जादूगर गुफा से बाहर आया
जेसे ही जादूगर ने यह बात सुनी वह हैरान हो गया और जल्दी से राजकुमारों को देखने गुफा से बाहर चल पड़ा | जेसे ही वह बाहर आया राजकुमार शेर ने उसको पकड़ लिया और उसकी खूब पिटाई की और जादूगर को मार गिराया लेकिन जेसे ही जादूगर मरा उसके शरीर से चिड़िया निकली और उड़ने लगी जेसे ही वह उड़ रही थी तभी वहाँ से बाज़ गुज़र रहा था वही बाज़ जिसको जादूगर ने राजकुमार से बाज़ बनाया था
राजकुमार समझ गया यह वही जादूगर है | उसने चिड़िया रूपी जादूगर को मुह से पकड़ लिया और और उसपर खूब हमला किया जेसे ही वह चिड़िया रूपी जादूगर मरा वह अंडे में बदल गया और असमान से सीधा तेज़ी से निचे की और गिरने लगा लेकिन निचे नदी थी जिसमे तीसरा राजकुमार जो डोल्फिन मछली बना था वह तैर रहा था |
उसने वह अंडा पकड़ लिया और जोर से ज़मीन पर देकर मारा जिससे जादूगर का जादू टूट गया | अब तीनो राजकुमार जो शेर बाज़ और मछली बन गये थे वह वापस अपने रूप में आ गये थे | तीनो फिर से राजकुमार बन गये और उनका महल भी वापस आ गया | यह देख कर सब बहुत खुश हुए | सबने मिलकर जश्न मनाया और लडकी के भाई का शुक्रिया अदा किया अब सब साथ मिलकर प्यार से रहने लगे |
उसने वह अंडा पकड़ लिया और जोर से ज़मीन पर देकर मारा जिससे जादूगर का जादू टूट गया | अब तीनो राजकुमार जो शेर बाज़ और मछली बन गये थे वह वापस अपने रूप में आ गये थे | तीनो फिर से राजकुमार बन गये और उनका महल भी वापस आ गया | यह देख कर सब बहुत खुश हुए | सबने मिलकर जश्न मनाया और लडकी के भाई का शुक्रिया अदा किया अब सब साथ मिलकर प्यार से रहने लगे |
उसने वह अंडा पकड़ लिया और जोर से ज़मीन पर देकर मारा जिससे जादूगर का जादू टूट गया | अब तीनो राजकुमार जो शेर बाज़ और मछली बन गये थे वह वापस अपने रूप में आ गये थे | तीनो फिर से राजकुमार बन गये और उनका महल भी वापस आ गया | यह देख कर सब बहुत खुश हुए | सबने मिलकर जश्न मनाया और लडकी के भाई का शुक्रिया अदा किया अब सब साथ मिलकर प्यार से रहने लगे |
लकड़हारे की कहानी- Lakadhare Ki Kahani
लकड़हारे की कहानी | दूर एक गाँव में एक लकड़हारा रहता था । जो लकड़ियाँ बेचकर ही अपना पेट पालता था। लकडहारे के पास एक अनौखी शक्ति थी । वो जो भी सपना देखता वो हमेशा सच हो जाता । उसने अपनी इस शक्ति के बारे मे सब से छुपा कर रखा था ।
एक रात उसने सपना देखा की जहां वो लकड़ी बेचने जाता है वहाँ भुकंप आ गया है और सारे लोग डर के मारे इधर-उधर भाग रहे हैं।
रोज की तरह लकड़हारा जब सुबह लकड़ी काटने गया तो एक आदमी ने उस से कहा , “भाई तुम जहां लकड़ी बेचने जाते हो आज सुबह-सुबह वहाँ भुकंप आया और लोगों में हड़कंप मच गया । तूम आज वहाँ मत जाना ।”
उसके ऐसा बोलने पर लकड़हारे को वो सपना याद आ गया जो उसने पिछली रात को देखा था । लकड़हारा उसे अपने सपने के बारे में बिना कुछ भी बताए अपने घर चला गया ।
अगली रात उस लकड़हारे ने फिर एक सपना देखा । इस बार सपने में परी लोक की महारानी के गले का हार चोरी हो गया है। अगली सुबह जब लकड़हारा लकड़ियाँ काटने जाने लगा तो रास्ते में उसे एक आदमी मिला, जिसने उससे किसी योग्य लकड़हारे का पता पूछा ।
लकड़हारे ने कहा ,”मैं भी एक लकड़हारा ही हूँ बताओ क्या काम है?”
“मैं परीलोक का सेनापति हूँ परी लोक के राजा को एक लकड़हारे की जरूरत है, क्या तुम मेरे साथ परी लोक चलोगे। ” सेनापति ने कहा ।
Lakadhare Ki Kahani
लकड़हारे को काम की जरूरत थी तो वो परी लोक जाने को राजी हो गया ।
लकड़हारा जैसे ही राजमहल के बड़े से दरवाजे के पास पहुंचा, तो देखा की महल में शोर हो रहा है, लकड़हारा ने पहरेदार से शोर का कारण पूछा ,पहरेदार ने लकड़हारे को बताया की कल रात महारानी का हार चोरी हो गया है।
उसी रात लकड़हारे ने सपने में महारानी की दासी को देखा । सपने में दासी अपने पति को उस हार को दूर शहर में बेच आने को कह रही है । जब लकड़हारे की नींद खुली, तो वो तुरंत राजा के महल में गया और राजा को बताया की आपके दास-दासियों ने ही हार चुराया है।
राजा ने राजमहल के सभी दास और दासियों को बुलाया । जैसे ही लकड़हारे ने उस दासी को देखा जो उसके सपने में आई थी तो वो उसे पहचान गया । उसने राजा को बताया की ये दासी ओर इसका पति चोर है। अपने ऊपर आरोप लगता देख वो दासी रोने लग गयी ।
दासी को रोता देख रानी को उसपर दया आ गयी । रानी ने गुस्से से कहा, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुयी मेरी खास दासी पर आरोप लगाने की, ये आदमी झुठा है इसे अभी कारागार में बंद कर दिया जाय । लकड़हारा डर गया और रानी से कहने लगा,
बच्चो के लिए हिन्दी कहानी : जादुई कहानियां
” महारानी आपके इसी भरोसे का इस दासी और इसके पति ने गलत फायदा उठाया है। “
राजा व रानी ने लकड़हरे की बात पे भरोसा न करते हुये उसे कारागार में बंद कर दिया।
लकड़हारा अपने साथ अन्याय होता देख खुद से कहने लगा, भलाई करने गया था क्या से क्या हो गया ।
कारागार के बाहर उसे वही सेनापति मिला । सेनापति ने कहा, “अगर तुम सच्चे हो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ ।”
“सेनापति जी मैं निर्दोष हूँ, मेरी मदद करो ।” लकड़हरे ने कहा ।
सेनापति ने उसे परी लोक की देवी के बारे में बताया, वो सिर्फ सच्चे इन्सानों की मदद करती है, “अगर तुम सच्चे होगे तो वो जरूर तुम्हारी मदद को आएगी।” सेनापति ने कहा ।
लकड़हारा आंखे बंद करके परी को याद करने लगा। कुछ ही देर में उसके सामने एक सुंदर सी परी काले कपड़े पहने खड़ी थी । परी के हाथ में एक झाड़ू था ।
“तुम कोन हो, तुमने मुझे क्यों याद किया।” परी ने लकड़हारे से कहा । लकड़हारे ने परी को सारी बात सुनाई की कैसे वो परी लोक में फस गया । परी ने कहा ,” की मैं तुम्हें ये एक जादुई झाड़ू देती हूँ। बाकी तुम अपना दिमाग लगाओ की राजा के सामने तुम कैसे असली चोर को पकडवाओगे।” ऐसा कह कर परी गायब हो गयी ।
अब लकड़हारे के पास परी का जादुई झाडू था । ये परी का जादुई झाडू ही अब उसकी कुछ मदद कर सकता था ।
सेनापति ने लकड़हारे से कहा , “सारे चोर रात के अंधेरे में ही चोरी का माल दूसरे राज्य में ले जाते हैं , मेरे पास एक उपाय है । अब हमारे पास परी का जादुई झाडू है जिस की मदद से हम दोनों इसमे बैठ कर उस चोर को पकड़ सकते हैं ।”
Hindi Story For Kids– लकड़हारे की कहानी
वो दोनों झाड़ू में बैठ कर आकाश में उड़ गये , और महल के चारो ओर नजर रखने लगे । लेकिन उस रात उन्हें कोई भी चोर नहीं मिला ।
अगली रात को वो दोनों चोर को ढूंढने के लिए फिर से उस जादुई झाड़ू में बेठ कर उड़ गए । तभी उनको एक आदमी दिखाई दिया । जो हाथ मे गठरी लिए अंधेरे में छुप- छुप कर महल के बाहर जा रहा था । दोनों ने बहुत दूर तक उसका पीछा किया , पीछा करते-करते सवेरा हो गया ।
सुबह होते ही लकड़हारे ने उस चोर को पहचान लिया । और सेनापति को बताया की ये तो वही चोर है जिसने चोरी की है। सेनापति ने उस चोर को दबोच लिया और जादुई झाड़ू में बैठा कर सीधे राजमहल मे पहुच गये ।
जब परी का जादुई झाडू लोगों ने देखा तो राज दरबार के सभी लोग हैरान हो गए । सबको यकीन हो गया की लकड़हारा सच्चा है, क्योंकि परी का जादुई झाडू सिर्फ एक सच्चा इंसान ही प्राप्त कर सकता था ।
जब गठरी को खोला गया तो उसमे रानी का हार मिला । राजा ने दासी ओर उसके पति को कारागार में डालने के आदेश दिये। राजा ने लकड़हारे की सच्चाई से खुश हो कर उसे राज्य का विशेष सलाहकार बना दिया ।
बन्दर की कहानी – बच्चों के लिए जादुई कहानियां
बन्दर की कहानी | एक समय की बात है एक बड़ा सुन्दर जंगल था | जंगल के चारो तरफ ऊँचे ऊँचे पहाड़ थे | उन ऊँचे ऊँचे पहाड़ो की चट्टान काफी उपजाऊ और जादुई थी | एक दिन उस पहाड़ की चट्टान में से एक अंडा निकला जिसमे से एक पत्थर का बंदर बाहर निकला | बन्दर पहाड़ो से घूमता हुआ जंगल में आ गया |
बंदरो का सुंदर राजा – Hindi Story for Kids
दुसरे जानवरों को देख कर पत्थर का बन्दर भी उछलना कूदना सीख गया था | पत्थर का बन्दर फल फूल खा कर बड़ा होने लगा | एक दिन उसकी नजर जंगल में घूम रहे बंदरो पर पड़ी | उसने देखा वह सब बन्दर उसके जेसे ही दीखते हैं इसलिए उसने उन बंदरो से दोस्ती करने की सोची |
जेसे ही वह बंदरो के पास गया सब बन्दर उसको देख कर डर गये | लेकिन पत्थर के बन्दर ने सबको समझाया वह भी उनके जेसा ही बन्दर है बस वह दिखता पत्थर के बन्दर जेसा है इसलिए डरने की कोई ज़रूरत नही है | में किसी को कोई नुकसान नही पहुंचाउंगा |
सब बन्दर उसकी बात मन गये और वह सभी दोस्त बन गये | एक दिन सभी बन्दर एक झरने पर गये | एक बन्दर ने कहा हममे से जो भी इस झरने पर जा कर सुरक्षित लोट आएगा वही हमारा राजा होगा | झरना बहुत ऊँचा और बड़ा था | पथरीले बन्दर ने उनसे पूछा , ” क्या में भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकता हूँ ? में तुम लोगो की तरह नही दिखता हूँ | मेरा शरीर तो पत्थर का है |
बन्दर की कहानी
दूसरा बन्दर बोला बन्दर भाई आपका शरीर पत्थर का है इस बात से कोई फर्क नही पड़ता है आप हमारे प्यारे दोस्त हो | आप भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हो | यह सुनकर पथरीले बन्दर ने छलांग लगाई और झरना पार करके उसके दूसरे किनारे पर जा पहुंचा | जहाँ एक गुफा थी जिस पर लिखा था यह खजाने की गुफा है जिसे पानी के पर्दे से डक दिया गया है ताकि किसी को इस गुफा के बारे में पता न चले |
पथरीले बन्दर ने गुफा में जाकर देखा तो वहां बहुत सारे सोने , चांदी , आभुष्ण , आदि किमती चीज़े रखी थी | बन्दर ने सब अभूष्ण एक पोटली में भर लिए और वापस अपने बन्दर दोस्तों के पास आ गया | उसने सारी बात अपने दोस्तों को बताई | और सारे सोने चांदी की चीज़े उनको दे दी |
सभी बन्दर उसकी ईमानदारी से बहुत खुश हुए इसलिए सभी बंदरो ने उसको अपना राजा चुन लिया | उसे “सुंदर राजा ” का नाम दिया गया | क्यूंकि वह बहुत समझदार , और अच्छा राजा था | वह सभी का बहुत ख्याल रखता था | उसने बहुत सरे बंदरो को अपने राज्य में मंत्री , सलाहकार , नोकर और सिपाही रखा | अब सभी हसी ख़ुशी मस्ती से अपनी ज़िन्दगी जीते थे |